Tuesday, January 14, 2014

''Palkon Mein Aansu Aur''


पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है..!! 
...

जिंदगी भर दर्द से जीते रहे ..
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे..
कई बार सोंचा कह दू हाल-ए-दिल उससे..
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे..

...

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