दर्द से अब हम खेलना सीख गए;
हम बेवफाई के साथ जीना सीख गए;
क्या बताएं किस कदर दिल टूटा है मेरा;
मौत से पहले, कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की;
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की;
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था;
हमारी आदत छूट गयी मनाने की।
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