Friday, October 31, 2014

Asafalta Ka Mausam..

Asafalta Ka Mausam,
Safalta Ke Beez Bone Ke Liye,
Sarvshreshth Samay Hota Hai!
~ Vaasu Birla

Saturday, October 25, 2014

वो एक रात जला...!!!

“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!!!!
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ले दे के अपने पास फ़कत एक नजर तो है,
कयुं देखे जिंदगी को किसी की नजर से हम..
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वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म
को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त
सबको मजबूर बना देता है.
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डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर.
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर…..!!
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“जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,
हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!
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वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
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जलते हुए दिल को और मत जलाना,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना.
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जरा सी चोट से शीशे की तरह टूट गया ,
दिल तो कमबख्त मेरा मुझसे भी बुजदिल
निकला ………
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मुझसा ही आलसी मेरा खुदा है !
ना मै कुछ मांगता हूँ, ना वो कुछ देता है !! ”
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ऐ बुरे वक़्त ””’
जरा तेज चल ।।।
देख उस मोड़ को ””’
वहा से तू बदलने वाला हे।
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