Wednesday, January 22, 2014

मेरा ख़याल


मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे;
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे;
तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे।


तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।


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