Wednesday, September 24, 2014

जियो जिंदगी जरुरत के मुताबिक;

जियो जिंदगी जरुरत के मुताबिक;​
ख्वाइशों के मुताबिक नहीं;​​
जरुरत फ़क़ीर भी कर लेता हैं
पूरी;​​
ख्वाइश कभी​ बादशाह की
भी पूरी नहीं हुई।

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