खामोशियाँ आवाज़ है, तुम सुनने तो आओ कभी
छु कर तुम्हे, खिल जाएंगी, घर इनको बुलाओ कभी
बेक़रार है, बात करने को, कहने दे इनको ज़रा
खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ, लिपटी हुई खामोशियाँ
क्या उस गली में, कभी तेरा आना जाना हुआ
जहाँ से ज़माने को, गुजरे ज़माना हुआ
मेरा समय तो, वहीँ पे है ठहरा हुआ
बताऊँ तुम्हे क्या, मेरे साथ क्या क्या हुआ
खामोशियाँ, इक साज़ है, तुम धुन कोई गाओ ज़रा
खामोशियाँ, अलफ़ाज़ है, कभी अ गुनगुना ले ज़रा
बेक़रार है, बात करने को, कहने दे इनको ज़रा
खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ, लिपटी हुई खामोशियाँ
नदियां का पानी भी खामोश बहता यहाँ
खिली चांदनी में, छिपी लाख खामोशियाँ
बारिश की बूंदों की होती कहाँ है जुबां
सुलगते दिलों में हिअ खामोश उठता धुंआ
खामोशियाँ, आकाश है, तुम उड़ने तोह आओ ज़रा
खामोशियाँ, एहसास है, तुम्हे महसूस होती है क्या
बेक़रार है, बात करने को, कहने दे इनको ज़रा
खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ, लिपटी हुई खामोशियाँ
खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ, लिपटी हुई खामोशिया
Wednesday, February 18, 2015
खामोशियाँ !!
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